2023 से चार साल का होगा ग्रेजुएशन, UGC ने जारी किया नया करीकुलम, जानिए क्या होगें और नये 10 बदलाव

2023 से चार साल का होगा ग्रेजुएशन, UGC ने जारी किया नया करीकुलम, जानिए क्या होगें और नये 10 बदलाव

UGC Curriculum and Credit Framework : UGC ने नई शिक्षा नीति के आधार पर अंडरग्रेजुएट प्रोग्राम्स के लिए करीकुलम एण्ड क्रेडिट फ्रेमवर्क जारी किया है। इसके अनुसार अब छात्र-छात्राओं को शिक्षा के साथ- साथ स्थानीय उद्योगों में इंटर्नशिप का मौका दिया जायेगा। UGC ने कुछ और भी महत्वपूर्ण बदलाव किये हैं आइये जानते हैं ऐसे ही 10 महत्वपूर्ण बदलावों के बारे में।

करीकुलम एण्ड क्रेडिट फ्रेमवर्क

UGC ने अंडरग्रेजुएट प्रोग्राम के लिये हाल ही में करीकुलम एण्ड क्रेडिट फ्रेमवर्क घोषित किया है। नई शिक्षा पॉलिसी के अन्तर्गत करीकुलम एण्ड क्रेडिट फ्रेमवर्क छात्रों को इनोवेटिव और फ्लेक्सिबल (लचीली) उच्च शिक्षा प्रणाली प्रदान करेगा। यूजीसी ने इस पाठ्यक्रम को स्नातक प्रोग्राम्स के लिए क्रेडिट ढ़ाचे के साथ विकसित किया है। यूजीसी द्वारा इस पाठ्यक्रम को अपनाने के लिये सभी विश्वविद्यालयों को समुचित उपाय करने की सलाह दी है।

करीकुलम एण्ड क्रेडिट फ्रेमवर्क से हुये बदलाव

  1. Holistic and Multi-disciplinary (समग्र एवं बहुआयामी) अंडरग्रेजुएट एजुकेशन पर फोकस
  2. फ्लेक्सिबल करीकुलम स्ट्रक्चर , मल्टीपल एंट्री-एग्जिट की अनुमति और री-एंट्री विकल्प
  3. एक वर्ष (दो सेमेस्टर) पूर्ण करने के बाद स्नातक (यूजी) प्रमाण-पत्र
  4. दो वर्ष (चार सेमेस्टर) पूर्ण करने के बाद स्नातक (यूजी) डिप्लोमा
  5. तीन वर्ष (छ: सेमेस्टर) पूर्ण करने के बाद स्नातक (यूजी) डिग्री
  6. चार वर्ष पूर्ण होने पर स्नातक ऑनर्स
  7. स्नातक का अंतिम चौथा वर्ष शोध आधारित शिक्षण के लिए होगा
  8. सहभागिता कार्यक्रम (कम्यूनिटी इंगेजमेंट) और सेवाएं, पर्यावरण शिक्षा और मूल्य आधारित शिक्षा में क्रेडिट आधारित पाठ्यक्रमों और योजनाओं को लागू करना
  9. छात्रों को स्थानीय उद्योगों के साथ इंटर्नशिप का अवसर प्रदान करना
  10. यूजी सर्टिफिकेट प्राप्त करने के लिए समर टर्म के दौरान 4 क्रेडिट वर्क आधारित लर्निंग इंटर्नशिप से गुजरना होगा।

चार वर्ष में होगा स्नातक

नई शिक्षा नीति के अनुसार अब स्नातक चार वर्ष में होगा। पहले दो वर्ष में यूजी सर्टिफिकेट, तीसरे वर्ष में डिग्री और चौथे वर्ष में ऑनर्स की डिग्री मिलेगी। जो छात्र दो वर्ष बाद यूजी छोड़ देगें उन्हें इंटर्नशिप देकर यूजी सर्टिफिकेट दिया जायेगा। जबकि ऑनर्स मुख्य रूप से शोध आधारित होगा। यूजी ऑनर्स के बाद सीधे पीएचडी में प्रवेश लिया जा सकेगा। पीजी यानि मास्टर्स डिग्री की आवश्यकता नहीं होगी।

चार वर्षीय स्नातक के फायदे

सामान्य तौर कुछ छात्र यूजी के दूसरे वर्ष ही पढ़ाई छोड़ देते हैं जिससे उन्हें कोई डिग्री प्राप्त नहीं होती है और इससे छात्रों को भी नुकसान उठाना पड़ता है क्योकि उनके दो वर्ष खराब हो जाते हैं। किंतु अब ऐसा नहीं होगा। दो वर्ष बाद उन्हें यूजी सर्टिफिकेट प्राप्त होगा। साथ ही जो छात्र उच्च शिक्षा जैसे शोध करना चाहते हैं उन्हें मास्टर्स डिग्री की आवश्यकता नहीं होगी । वह सीधे पीएचडी कर सकेंगे। जिससे शोध को बढ़ावा मिलेगा। हांलाकि ऑनर्स से सीधे पीएचडी के लिए आनर्स में एक निश्चित प्रतिशत अंक लाने होंगे।

यूजीसी का विजन

यूजीसी अंडरग्रेजुएट प्रोग्राम में किताबी शिक्षा के साथ छात्रों के स्किल डेवलपमेंट और सीखने पर अधिक जोर दे रहा है। यूजी पाठ्यक्रम में अब इंटर्नशिप को शामिल किया गया है। जिससे यूजीसी का मानना है कि इससे रोजगार क्षमता में सुधार होगा।

साथ ही इसका मकसद छात्रों को आर्थिक और सामाजिक मुद्दों से अवगत कराना भी है। पाठ्यक्रम का मुख्य पहलू छात्रों को वास्तविक कार्य स्थितियों में शामिल करना है। क्योकि यूजी के सभी छात्र अब किसी फर्म, उद्योग, संकाय, संगठन या प्रशिक्षण शाला जुड़ वहॉं से इंटर्नशिप या अप्रेंटिस प्राप्त करेंगे।

अत: यूजीसी का प्रमुख विजन नई शिक्षा नीति के अन्तर्गत छात्रों को किताबी शिक्षा के साथ -साथ रोजगार परक एवं व्यवहारिक शिक्षा भी मिले। जिससे वह आगे बढ़कर राष्ट्र निर्माण में अग्रणी भूमिका अदा कर सकें।

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